Tuesday, February 8, 2011

परिवर्तन

IMAG0467
अब तुतलाता नहीं, पर बोलता नहीं हूँ,
अब  रोता नहीं , पर हँसता नहीं हूँ,
अब चीखता नहीं, पर शांत नहीं हूँ,
अब रूठता नहीं, पर मानता नहीं हूँ,
अब पूछता नहीं, पर जानता नहीं हूँ,
अब रटता नहीं, पर सीखता नहीं हूँ ,
अब गिरता नहीं, पर उठता नहीं हूँ,
अब छीनता नहीं , पर देता नहीं हूँ,
अब चुराता नहीं, पर बांटता नहीं हूँ,
अब तोड़ता नहीं, पर जोड़ता नहीं हूँ,
अब लड़ता नहीं, पर जुड़ता नहीं हूँ,
अब मारता नहीं, पर बचाता नहीं हूँ,
अब बेसुरा नहीं, पर गाता नहीं हूँ,
अब गुमता नहीं , पर मिलता नहीं हूँ,
अब  छोटा नहीं , पर बड़ा नहीं हूँ...
...........................
बड़ा लंबा है इन्सानियत के घर का रास्ता !
चल तो रहा हूँ इस पथ में , पर आगे बढ़ता नहीं हूँ ....
........रजनीश (08.02.11)

3 comments:

vandana gupta said...

आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (10/2/2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

rajnish ji ,
bahut badhiya !

induravisinghj said...

बहुत ही संदर...

पुनः पधारकर अनुगृहीत करें .....